व्याघ्रचर्मावृतगर्दभकथा । हस्तिनापुर में विलास नाम का एक धोबी रहता था । उसका गधा बहुत बोझ ढोने से दुर्बल होकर मरणासन्न …
पक्षिवानरकथा । नर्मदा के किनारे पर्वत के पास की तलहटी में एक बड़ा भारी सेमल का वृक्ष था । उस वृक्ष पर अपने-अपने घोसले ब…
दक्षिण दिशा में सुवर्णवती नाम की एक नगरी थी । वहाँ पर वर्धमान नाम का एक धनी सेठ रहता था । उसके पास बहुत धन रहने पर भी‚ …
टिट्टिभसमुद्रकथा । दक्षिण समुद्र के किनारे टिटिहरी का एक जोड़ा रहता था । टिटिहरी का जब प्रसवकाल समीप आया तब उसने अपने प…
मदोन्मत्तसिंहशशककथा मन्दराचल पर दुर्दान्त नाम का सिंह रहता था । वह पशुओं का निरर्थक ही वध करता रहता था । एक दिन सब पशुओ…
काकीकनकसूत्रसर्पकथा । किसी वृक्ष पर एक कौवा अपनी पत्नी के साथ रहता था । उसके बच्चों को उसी वृक्ष के कोटर में रहने वाला …
गोपीजारद्वयकथा द्वारवती नगरी में किसी ग्वाले की बहू बड़ी कुलटा थी । वह एक साथ ही अपने नगर के दण्डनायक (कोतवाल) और उसके …
स्तुति:
सामाजिकम्