कीलोत्पाटिवानर कथा मगध देश में धर्मारण्य के पास की किसी भूमि पर शुभदत्त नाम का एक कायस्थ एक बौद्ध विहार बनवा रहा …
यो ध्रुवाणि परित्यज्य‚ अध्रुवाणि निषेवते । ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति‚ अध्रुवं नष्टमेव हि ।। जो निश्चित वस्तु को छोड़कर अनि…
हिरण्यक नामक चूहे को अपने कबूतर मित्र चित्रग्रीव के जाल में फँसे हुए साथियों को मुक्त कराते देख लघुपतनक नामक कौआ आ…
ब्रह्मारण्य में कर्पूरतिलक नाम का हाथी रहता था । उसको देखकर वन के सब सियार सोचने लगे कि यदि यह हाथी किसी उपाय से म…
चेतावनी : हितोपदेश की यह कथा बच्चों के पढने लायक नहीं है । कृपया इसे अवयस्क बच्चों के सामने न पढें न उन्हें पढने दें । …
कल्याणकटक नामक स्थान में भैरव नाम का एक बहेलिया रहता था । एक दिन वह शिकार के लिये हाथ में धनुष लेकर विध्याचल के जंगल मे…
गौड़ देश में कौशाम्बी नाम की एक नगरी थी । वहाँ पर चन्दनदास नाम का एक धनी वैश्य रहता था । उसने बुढापे में कामातुर …
गंगा जी के किनारे पर गृध्रकूट नाम का एक पर्व है । उस पर्वत पर एक बड़ा पाकड़ का पेड़ था । उसे खाेखले कोटर में जरद्…
मगधदेश में चम्पकवती नामक एक बड़ा सा जंगल था । वहाँ पर बहुत समय से एक कौवा और एक हिरण बड़े प्रेम से मित्रतापूर्वक …
एक समय की बात है । एक बूढा बाघ नदी में नहाकर‚ हाथ में कुश लेकर नदी के किनारे बैठा आने जानेवाले लोगों से कह रहा था‚ ʺमेर…
आज जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ इसके बारे में आप बचपन से ही परिचित होंगे । बस आपको यह नहीं पता होगा कि यह कहानी पंचतन्त्र…
प्राचीन काल में (लगभग दूसरी शताब्दी ईसापूर्व) दक्षिण भारत में महिलारोप्य नामक एक नगर था । उस राज्य के राजा अमरशक्त…
सामाजिकम्