श्री हनुमते नम: प्रस्तुतकर्ता PIHU SHUKLA को दिसंबर 21, 2010 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप हनुमान् अंजनीसूनु: वायुपुत्रो महाबल:रामेष्ठ: फाल्गुनसखा पिंगाक्षोमितविक्रम: । उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ।। श्री हनुमते नम: टिप्पणियाँ SANSKRITJAGAT21 दिसंबर 2010 को 1:57 pm बजेश्री हनुमते नम:जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
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