हिन्दी भाषायां पठितुम् अत्र बलाघात: करणीय:
सप्तम: अभ्यास: प्रकाश्यते ।
राम: पिबति
राम: जलं पिबति
राम: चसकेन जलं पिबति ।
सीता खादति
सीता भोजनं करोति
सीता चमसेन भोजनं करोति।
आनन्द: स्मरति
आनन्द: श्लोकं स्मरति
आनन्द: पुस्तकेन श्लोकं स्मरति ।
अग्रे चलाम:
एष: कृष्ण:
एतत् धनम्
कृष्ण: आनन्दाय धनं ददाति - कृष्ण आनन्द को धन देता है ।
एषा बालिका
एषा पुस्तिका
बालिका बालकाय पुस्तिकां ददाति - बालिका बालका को पुस्तिका देती है ।
एष: शिक्षक:
एतत् फलम्
शिक्षक: बालकाय फलं ददाति - शिक्षक बालक को फल देता है ।
इत्येतावत् अलम्
गृहकार्यं
1- राम श्याम को पुस्तक देता है।
2- आनन्द मनोज को धन देता है ।
3- शिक्षक बालक को ज्ञान देता है ।
शान्तिमन्त्रं वदाम:
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।।
नमो नम:
भवदीय: - आनन्द:
सप्तम: अभ्यास: प्रकाश्यते ।
प्रार्थनां कुर्म:
पठामि संस्कृतं नित्यं वदामि संस्कृतं सदा
ध्यायामि संस्कृतं सम्यक वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्यहम्
संस्कृतस्य सदा भक्तौ वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य कृते जीवन संस्कृतस्य कृते यजन
आत्मानमाहुतं मन्ये वन्दे संस्कृतमातरम् ।
ध्यायामि संस्कृतं सम्यक वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्यहम्
संस्कृतस्य सदा भक्तौ वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य कृते जीवन संस्कृतस्य कृते यजन
आत्मानमाहुतं मन्ये वन्दे संस्कृतमातरम् ।
पूर्वतनपाठ्यबिन्दूनाम् अभ्यासं कुर्म: ।
राम: जलं पिबति
राम: चसकेन जलं पिबति ।
सीता खादति
सीता भोजनं करोति
सीता चमसेन भोजनं करोति।
आनन्द: स्मरति
आनन्द: श्लोकं स्मरति
आनन्द: पुस्तकेन श्लोकं स्मरति ।
अग्रे चलाम:
एष: कृष्ण:
एतत् धनम्
कृष्ण: आनन्दाय धनं ददाति - कृष्ण आनन्द को धन देता है ।
एषा बालिका
एषा पुस्तिका
बालिका बालकाय पुस्तिकां ददाति - बालिका बालका को पुस्तिका देती है ।
एष: शिक्षक:
एतत् फलम्
शिक्षक: बालकाय फलं ददाति - शिक्षक बालक को फल देता है ।
इत्येतावत् अलम्
गृहकार्यं
1- राम श्याम को पुस्तक देता है।
2- आनन्द मनोज को धन देता है ।
3- शिक्षक बालक को ज्ञान देता है ।
शान्तिमन्त्रं वदाम:
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।।
नमो नम:
भवदीय: - आनन्द:
13 टिप्पणियाँ
पाठ तो गुरु जी पढ़ लिया -होमवर्क नोट कर लिया है !
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी
जवाब देंहटाएंअगर आप यहाँ गृहकार्य प्रस्तुत भी किया करें तो अन्य पढने वालों के लिये प्रेरणादायक होगा ।
वैसे आपकी जो इच्छा हो वह शिरोधार्य है ।
कक्ष्या में निरंतर भाग लेने के लिये धन्यवाद ।
चमसः के रूप किसकी तरह से चलेंगे.
जवाब देंहटाएंआप बहुत उपयोगी कार्य कर रहे हैं!
जवाब देंहटाएं--
मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
राजीव जी चमस: का रूप बालक के सदृश चलेगा
जवाब देंहटाएंचमस: चमसौ चमसा:
शास्त्री जी बहुत धन्यवाद ।
आप सभी दोस्तों को मेरी तरफ से मित्रदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
मैं समझता हूँ कि आपको गुरूजी कहना ही उचित होगा. है न ! :-)
जवाब देंहटाएंचसक के रूप भी वैसे ही चलाऊँगा जैसे कि चमसः के चलाये हैं. यदि अलग हो तो ही बताइयेगा अन्यथा वैसे ही प्रयोग करूँगा.
एक अन्य प्रश्न हमने एक जगह ग्लास हेतु चषकः पढ़ा था और वह भी कई बार.
कौन सही है आप या....
नहीं मैं आप का अनादर या आपके ज्ञान पर शंका नहीं कर रहा हूँ, बस मेरी दुविधा रख रहा हूँ.
और हाँ गुरूजी चमसः के रूप के विषय में ज्ञान कराने हेतु धन्यवादाः
जवाब देंहटाएंराजीव जी यूँ तो चसक: ही उचित है किन्तु हो सकता है कि कहीं चषक: भी प्रयुक्त हो , इस विषय में अपने व्याकरणाचार्यों से पूँछ कर बताउँगा ।
जवाब देंहटाएंचसक: के रूप भी तथावत ही चलेंगे ।
राजीव जी यूँ तो चसक: ही उचित है किन्तु हो सकता है कि कहीं चषक: भी प्रयुक्त हो , इस विषय में अपने व्याकरणाचार्यों से पूँछ कर बताउँगा ।
जवाब देंहटाएंचसक: के रूप भी तथावत ही चलेंगे ।
गृहकार्य :
जवाब देंहटाएं१] रामः श्यामाय पुस्तकं ददाति.
२] आनन्दः मनोजाय धनं ददाति.
३] शिक्षकः बालकाय ज्ञानम् ददाति.
— आनंद पाण्डेय ब्लोगराय संस्कृतं गृहकार्यं ददाति. .................... (कृपया जाँचें)
— क्या 'ज्ञानम्' और 'ज्ञानं" में भेद है. अथवा इन्हें अलग-अलग प्रयुक्त करना चाहिये. 'म' हलंत के साथ अथवा अनुस्वार का प्रयोग अपनी इच्छा पर निर्भर करता है, या फिर इसमें कोई नियम कार्य करता है? ............................ (कृपया बतायें)
प्रतुल जी
जवाब देंहटाएंकार्य नपुं लिंग है अत: गृहकार्यम् होगा ।
३] शिक्षकः बालकाय ज्ञानम् (ज्ञानं) ददाति.
— आनंद पाण्डेय ब्लोगराय संस्कृतं गृहकार्यं ददाति
आनन्दपाण्डेय: चिट्ठाकाराय संस्कृतगृहकार्यं ददाति ।
किसी आंग्लशब्द के साथ विभक्ति नहीं जुडती ।
—'ज्ञानम्' और 'ज्ञानं" में भेद नहीं है. किन्तु इनका प्रयोग अलग है, दोनों के अर्थ एक ही हैं या ये कह सकते हैं दोनो एक ही चीज हैं ।
'म' हलंत के साथ अथवा अनुस्वार का के प्रयोग के विषय में एक छोटा सा नियम है । जब अनुस्वार के आगे स्वर वर्ण आयें तो मकार के साथ हलन्त प्रयुक्त होता है और जब अनुस्वार के बाद व्यंजन वर्ण आयें तो अनुस्वार का प्रयोग होता है । यथा - ज्ञानं ददाति, गृहम् आगच्छति
बस इतना ही अंतर है, इससे इनके अर्थ में कोई अंतर नहीं आता है ।
और भी कोई शंका हो तो जरूर पूछियेगा । हमें बहुत प्रसन्नता होगी ।
धन्यवाद
धन्यवाद उत्तर देने हेतु.
जवाब देंहटाएंयहाँ पर द्वितीय श्लोक में नैजं का क्या अर्थ होगा?
जवाब देंहटाएं