प्राक् लेखेषु अहं भवतां सर्वेषां कृते बी.एड. विषयस्य परीक्षाफलम् आनीतवान् आसम् । अस्मिन् लेखे अहं भवतां कृते सा सूचना आनीतवान् अस्मि यस्य उपयोग: केवलं तेषां कृते अस्ति ये बी.एड. प्रवेशपरीक्षा उत्तीर्णं कृतवन्त: सन्ति पुनश्च सम्प्रति प्रवेशं स्वीकर्तुम् उत्सुका: सन्ति । अस्मत्सु बहव: सम्प्रति आमन्त्रणपत्रस्य (Counselling Letter) प्रतीक्षा कुर्वन्त: सन्ति । किन्तु अस्मिन् वर्षे आमन्त्रणपत्रम् न आगमिष्यति । तत् पत्रम् अन्तरजालत: निष्कासनीयं भविष्यति ।
मया अध: सा श्रृंखला दीयते यत: भवन्त: आमन्त्रणपत्रम्, प्रवेशपत्रस्य छायाप्रति: (Duplicate Admit Card), अथ च अन्या: सूचना: प्रवेशस्य कृते ज्ञास्यते ।
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बी.एड. प्रवेशपरीक्षाया: परिणाम:
(B.ed. Entrance Exam Result)
(Download Counselling Letter)
(Counselling Schedule)
प्रवेशपत्रस्य अनुकृति: तलपूरयतु
(Download Duplicate Admit Card)
संस्कृतजगत्
3 टिप्पणियाँ
सुंदरम्
जवाब देंहटाएंसंस्कृत की दुर्दशा के लिए ज़िम्मेदार कौन ? Sanskrit Bhasha
एक तरफ़ तो इन धर्म स्थलों के पास इतने ख़ज़ाने हैं और दूसरी तरफ़ हाल यह है कि
संस्कृत का दैनिक समाचार पत्र पैसे की तंगी का शिकार है।
जब माल भी है और ख़र्च करने के लिए मद भी है तो आज तक मंदिरों का यह धन संस्कृत के उत्थान में क्यों न लगाया गया ?
मंदिर और संस्कृत के नाम पर राजनीति करने वाले कहां हैं ?
वे आखि़र क्या कर रहे हैं ?
भाई मै इन सब बातों में नहीं पड़ना चाहता
जवाब देंहटाएंमंदिर का धन मंदिर वाले जाने
हम तो संस्कृत के सेवक हैं और इसी का प्रसार हमारा मुख्य लक्ष्य है
जयतु संस्कृतं
बंधुवर बहुत ठीक कहा -- हम तो भारतीय संस्कृत और भारतीय संस्कृति के सेवक हैं
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