सुर + अरि: = सुरारि: – अ + अ = आ
हिम + आलय: = हिमालय: – अ + आ = आ
दया + अर्णव: = दयार्णव: – आ + अ = आ
विद्या + आलय: = विद्यालय: – आ + आ = आ
क्षिति + ईश: = क्षितीश: – इ + ई = ई
सुधी + इन्द्र: = सुधीन्द्रः – ई + इ = ई
गिरि + इन्द्र: = गिरीन्द्र: – इ + इ = ई
श्री + ईश: = श्रीश: – ई + ई = ई
वधू + उत्सव: = वधूत्सव: – ऊ + उ = ऊ
लघु + उर्मि: = लघूर्मि: – उ + उ = ऊ
पितृ + ऋणम् = पितृृृणम् – ऋ + ऋ = ऋृ
इति
हिम + आलय: = हिमालय: – अ + आ = आ
दया + अर्णव: = दयार्णव: – आ + अ = आ
विद्या + आलय: = विद्यालय: – आ + आ = आ
क्षिति + ईश: = क्षितीश: – इ + ई = ई
सुधी + इन्द्र: = सुधीन्द्रः – ई + इ = ई
गिरि + इन्द्र: = गिरीन्द्र: – इ + इ = ई
श्री + ईश: = श्रीश: – ई + ई = ई
वधू + उत्सव: = वधूत्सव: – ऊ + उ = ऊ
लघु + उर्मि: = लघूर्मि: – उ + उ = ऊ
पितृ + ऋणम् = पितृृृणम् – ऋ + ऋ = ऋृ
इति
मनीषा का संधि विच्छेद व् संधि कोनसी है
जवाब देंहटाएंParop sandhi
हटाएंMans was
हटाएंमनस्+ईषा=मनीषा(पररुप संध्या)
हटाएंSukharta me kaun so sandhi hai
जवाब देंहटाएंDidha
हटाएंDeergh sandhi
हटाएंSukharta me kaun so sandhi hai
जवाब देंहटाएंदीर्घ
हटाएंdirgha
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