सूत्रम् - जनिकर्तु: प्रकृति: ।।
जनि इत्युक्ते - जन्म, उत्पत्ति: वा । प्रकृति: इत्युक्ते कारणं, मूलं वा । चेत् उत्पद्यमानस्य वस्तो: उत्पत्ते: मूलकारणे पंचमी विभक्ति: स्यात् ।
हिन्दी - जनि का अर्थ - जन्म या उत्पत्ति, तथा प्रकृति का तात्पर्य - मूल कारण या कारण से है । इस तरह उत्पन्न होने वाली वस्तु के उत्पत्ति के मूल कारण में पंचमी विभक्ति होती है ।
उदाहरणम् -
ब्रह्मण: प्रजा: प्रजायन्ते ।
ब्रह्मा से प्रजाएं उत्पन्न होती हैं ।।
इति
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi_0oQr9vB5gIfMGP9B52tvn37ObAgiTIlv3tp3pHMk4B9jgGeAzTIs1v_EqvtiXn1De__SxAd9gb0g3_27mUz0yBcIo3h-8M5s0o09NK9qtI0vm_FCxgaaTmiTWUJZbRXrOqsY9-XI1Mo/s1600/sanskritjagat.png)
0 टिप्पणियाँ