(लय—मुरारी छोड़ भारत को कहाँ बंशी बजाते हो )
महामहनीय मेधाविन् , त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।
गुरो गीर्वाणभाषायाः , त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
दिनं नो धन्यतममेतत् , इयं मङ्गलमयी वेला।
वयं यद् बालका एते , त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
न काचिद् भावना भक्तिः , न काचित् साधना शक्तिः।
परं श्रद्धा-कुसुमाञ्जलिभिः , त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
किमधिकं ब्रूमहे श्रीमन् , निवेदनमेतदेवैकम् ।
ऩ बाला विस्मृतिं नेयाः , त्वदीयं स्वागतं कुर्मः।।
(श्रीवासुदेवद्विवेदी शास्त्री)
इति
I want this song मुरारी छोड़ भारत को कहाँ बंशी बजाते हो please anyone help me to find this song or send me this song if anyone have.
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंहमे पढ़ना है बहुत सुंदर पढ़ाया गया है
जवाब देंहटाएंहमे पढ़ना है बहुत सुंदर पढ़ाया गया है
जवाब देंहटाएंहमे पढ़ना है बहुत सुंदर पढ़ाया गया है हम जुड़ना चाहते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आप लोग बताए है
जवाब देंहटाएंइस स्वागतगीत की लय - "लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा।" है
जवाब देंहटाएंभैया बहुत अच्छा ,जय भारत जय संस्कृत
जवाब देंहटाएं