सुरस सुबोधा विश्वमनोज्ञा ललिता हृद्या रमणीया
अमृतवाणी संस्कृतभाषा नैव क्लिष्टा न च कठिना ।।
कविकुलगुरू वाल्मीकि विरचिता रामायण रमणीय कथा
अतीवसरला मधुर मंजुला नैव क्ल्ष्टिा न च कठिना ।।
व्यास विरचिता गणेश लिखिता महाभारत पुण्य कथा
कौरव पाण्डव संगर मथिता नैव क्लिष्टा न च कठिना ।।
कुरूक्षेत्र समरांगणगीता विश्ववंदिता भगवद्गीता
अतीव मधुरा कर्मदीपिका नैव क्लिष्टा न च कठिना ।।
कवि कुलगुरू नव रसोन्मेषजा ऋतु रघु कुमार कविता
विक्रम शाकुन्तल मालविका नैव क्लिष्टा न च कठिना ।।
''गेय संस्कृतम्'' पुस्तकात् साभार ग्रहीत:
बहुत शानदार प्रस्तुति, आनन्द जी.उद्देश्यपूर्ण-संस्क्र्त गीतम
जवाब देंहटाएंThe author of that poem is वसंत गाडगीळ. Make sure it is properly attributed to him!
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