पवनतनय स्तुति:



अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् 
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।



टिप्पणियाँ

  1. संजीव जी
    आज बहुत शुभ दिन आप ने श्रीहनुमान जी की ये पावन स्‍तुति प्रस्‍तुत की

    आज हमारा मंगलवार व्रत भी है ।
    श्री हनुमान जी की स्‍तुति पढकर मन प्रसन्‍न हो गया ।

    आप का कोटिश: धन्‍यवाद

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