पवनतनय स्तुति: प्रस्तुतकर्ता बेनामी को नवंबर 23, 2010 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।। टिप्पणियाँ SANSKRITJAGAT23 नवंबर 2010 को 10:39 am बजेसंजीव जीआज बहुत शुभ दिन आप ने श्रीहनुमान जी की ये पावन स्तुति प्रस्तुत की ।आज हमारा मंगलवार व्रत भी है । श्री हनुमान जी की स्तुति पढकर मन प्रसन्न हो गया ।आप का कोटिश: धन्यवादजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
संजीव जी
जवाब देंहटाएंआज बहुत शुभ दिन आप ने श्रीहनुमान जी की ये पावन स्तुति प्रस्तुत की
।
आज हमारा मंगलवार व्रत भी है ।
श्री हनुमान जी की स्तुति पढकर मन प्रसन्न हो गया ।
आप का कोटिश: धन्यवाद