एकं सुचिन्‍तनम् ।।


धनाभावे विषमकाले मृत्योर्मुखे च  धैर्यं न त्यजेत् ।
विवाद समये विपत्तिकाले च साहसं न त्यजेत् ।।


टिप्पणियाँ

  1. अत्‍युत्‍तमं चिन्‍तनं महोदय

    एतेषु कालेषु प्रायस: जनानां धैर्यं गच्‍छति एव

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  2. ..

    @ धन की कमी के समय, विपरीत स्थितियों में और मृत्यु के मुख यानी बीमारी के समय ..... धैर्य नहीं त्यागना चाहिए.
    झगड़े के समय और मुसीबत के समय मनोबल [साहस] नहीं त्यागना चाहिए.
    _______________
    एक प्रेरणास्पद सूक्ति.

    ..

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  3. सुन्दर व उपयोगी सूक्ति, धन्यवाद!

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