सप्त कुलपर्वताः ।। प्रस्तुतकर्ता SANSKRITJAGAT को फ़रवरी 21, 2014 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप महेन्द्रो मलयः सह्यः शुक्तिमानृक्षपर्वतः विन्ध्यश्च पारियात्रश्च सप्तैते कुलपर्वताः ।। महेन्द्र मलय सह्य शुक्तिमानृक्ष विन्ध्य पारियात्र इति टिप्पणियाँ
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