संस्कृतभाषाया: संख्याज्ञानम् अत्र श्रृंखलया दीयते । तस्मिन् क्रमे प्रथमा श्रृंखला एकत: दशपर्यन्तम् अत्र प्रस्तूयते । अवधेयम् अस्ति यत् संस्कृते एकत: चत्वारिपर्यन्तं गणना: त्रीष्वपि लिंगेषु चलन्ति अत: तेषां ज्ञानम् अत्र पृथक् दीयते ।
१ - एक - एकम् (नपुंसकलिंग) -One एक: (पुलिंग) एका (स्त्रीलिंग)
२ - दो - द्वे (नपुंसकलिंग) -Two द्वौ (पुलिंग) द्वे (स्त्रीलिंग)
३ - तीन - त्रीणि (नपुंसकलिंग) -Three त्रय: (पुलिंग) तिस्र: (स्त्रीलिंग)
४ - चार - चत्वारि (नपुंसकलिंग) Four चत्वार: (पुलिंग) चतस्र: (स्त्रीलिंग)
अंक | हिन्दी | संस्कृत | अंग्रेजी |
१ | एक | एकम् | One |
२ | दो | द्वे | Two |
३ | तीन | त्रीणि | Three |
४ | चार | चत्वारि | Four |
५ | पांच | पंच | Five |
६ | छ: | षड् | Six |
७ | सात | सप्त | Seven |
८ | आठ | अष्ट | Eight |
९ | नव | नव | Nine |
१० | दस | दश | Ten |
इति
3 टिप्पणियाँ
संस्कृत पर बड़ा गर्व है क्योंकि यह एक भाषा ही नही बल्कि एक प्रकार की शक्ति मानता हूं यह सर्वश्रेष्ठ है आज अगर मानव जीवन इसका लाभ उठाएं तो सारी ख्वाइस पूरी की जा सकती है
जवाब देंहटाएंजय हो महाकाल की 🙏🙏🙂
मैं इस ब्लॉगर ब्लॉग को एक साल हो गये सम्भवतः तभी से फॉलो कर रहा हूँ, हर पोस्ट के साथ नई नई जानकारियां प्राप्त करता हूँ
जवाब देंहटाएंSatam paryantam ka arth batane ka kast karen
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