मंगलाचरणम्
ब्रह्मा रुद्र: कुमारो हरिवरुणयमा वह्नरिन्द्र: कुबेर-
श्चन्द्रादित्यौ सरस्वत्युदधियुगनगा वायुरुर्वी भुजंगा ।
सिद्धा नद्यो श्विनौ श्रीर्दितिरदितिसुता: मातरश्चण्डिकाद्या
वेदास्तीर्थानि यज्ञा गण बसुमुनय: पान्तु गित्यं ग्रहाश्च ।।1।।
मनवे वाचस्पतये शुक्राय पाराशराय ससुताय
चाणक्याय च विदुषे नमो स्तु नयशास्त्रकर्तभ्य: ।।2।।
सकलार्थशास्त्र सारं जगति सदलोक्य विष्णुशर्मेदम्
तन्त्रै: पंचभिरेतच्चकार: सुमनोहरं शास्त्रम् ।।3।।
इति
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें