ल्यप्, क्त्वा वा प्रत्ययान्तस्य अर्थगोपिते सति कर्मणि, आधारे च पंचमी विभक्ति: भवति ।
हिन्दी - ल्यप् या क्त्वा प्रत्ययान्त शब्द का अर्थ गुप्त रहने पर कर्म और आधार में पंचमी होती है।
उदाहरणम् -
प्रासादात् प्रेक्षते (प्रासादम् आरुह्य प्रेक्षते)
महल पर चढकर देखता है (महल से देखता है) ।।
इति
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें