षष्ठी शेषे (2-3-50)
कारक (कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, अधिकरण) एवं च प्रातिपदिकार्थातिरिक्तं शेष: (स्व - स्वामि सम्बन्ध:) शेषशब्देन विहित: भवति ।
तत्सम्बन्धं येन प्रकटित: भवति तत्सम्बन्धमिति उच्यते । अत: स्वामिभावसम्बन्ध: षष्ठी इति भवति।
यथा - राज्ञ: पुरुष: ।
हिन्दी - कारक तथा प्रातिपदिक के अतिरिक्त स्व (अपनी वस्तु) और स्वामी आदि के सम्बन्ध को शेष तथा उस सम्बन्ध को प्रकट करने वाले को षष्ठी कहते हैं ।
इति
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