द्यूतम्, क्रयणं-विक्रयणम् इत्ययो: अर्थे दिव् धातो: कर्मणि षष्ठी विभक्ति: भवति ।
उदाहरणम् -
शतस्य दीव्यति - सौ रूपये का दांव लगाता है / सौ रूपये का लेन-देन करता है ।
हिन्दी -
द्यूत और क्रय-विक्रय करना अर्थ में दिव् धातु के कर्म में द्वितीया विभक्ति होती है ।।
इति
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