सूत्रम् -
1- एकवचनं संबुद्धि: ।।02/03/49।।
2- यस्मात्प्रत्ययविधिस्तदादि
प्रत्ययेSड्.गम् ।।01/04/13।।
3- एड्. ह्रस्वात्सम्बुद्धे: ।।06/01/69।।
व्याख्या -
1-- संबोधनार्थे प्रथमा एकवचनं संबुद्धि:, संबोधनं वा च कथ्यते ।
2-- यस्मात् शब्दात् प्रत्ययविधानं भवति तस्य शब्दस्य अंग इति अभिधानं क्रियते प्रत्यय: परे सति ।
3-- एड.न्त (ए, ओ अन्तका:), ह्रस्वस्वरान्त-अंगस्य अनन्तरं संबोधनस्य हलस्य (व्यंजनस्य) लोप: भवति ।
हिन्दी -
1-- संबोधन के अर्थ में प्रथमा के एकवचन को संबोधन या संबुद्धि कहते हैं ।
2-- जिस शब्द से प्रत्यय का विधान होता है उस शब्द को अंग कहते हैं, प्रत्यय परे रहते हुए ।
3-- एड्.न्त (ए, ओ अन्त वाले) तथा ह्रस्व स्वरान्त अंग के बाद संबोधन के हल् का लोप हो जाता है ।
इति
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