संस्कृतगीतम्


एकता स्वतंत्रता समानता भवेत्।
राष्ट्रे चरित्रस्य महानता भवेत्।।
कोटिकण्ठसन्ति, गीतमेकराष्ट्रस्य।
वर्णास्सन्त्यनेक चित्रमेकराष्ट्रस्य।।
रूपसन्त्यनेकभावमेकराष्ट्रस्य।
सन्ति शब्द-अनेकार्थमेकराष्ट्रस्य।।
चेतना समग्रता समानता भवेत्।
राष्ट्रे चरित्रस्य......................।।
विकासे विवेकस्वप्नमेकराष्ट्रस्य।
अनेका: योजनाः, ध्यानमेकराष्ट्रस्य।।
कर्मसन्त्यनेकलक्ष्यमेकराष्ट्रस्य।
सन्ति पंथ-अनेकधर्मेकराष्ट्रस्य।।
सालीनता सहिष्णुता समानता भवेत्।
राष्ट्रे चरित्रस्य..........................।।
सन्ति जात्यनेक-रक्तमेकराष्ट्रस्य।
पक्तयः अनेकलेख: एकराष्ट्रस्य।।
ग्रामस्सन्त्यनेक-कायमेकराष्ट्रस्य।
किरणास्सन्त्यनेकसूर्य: एकराष्ट्रस्य।।
चेतना मनुष्यता समानता भवेत्।
राष्ट्रे चरित्रस्य महानता भवेत्।।
प्रमोदकुमारशुक्लेन अनुवादिततं गीतमिदम्।
जय हिन्द                           जय भारत
                     प्रमोदकुमारशुक्ल:
                  राष्ट्रीयसंस्कृतसंस्थानम्
                        लखनऊपरिसर

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