पञ्च देवतरवः ।। प्रस्तुतकर्ता SANSKRITJAGAT को सितंबर 07, 2020 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप पञ्चैते देवतरवो मन्दारः पारिजातकःसन्तानः कल्पवृक्षश्च पुंसि वा हरिचन्दनम् ।।१- मन्दारः२- पारिजातः३- सन्तानः४- कल्पवृक्षः५- हरिचन्दनम् टिप्पणियाँ राजेन्द्र कुमार सुथार बीकानेरीय20 मार्च 2024 को 1:53 pm बजेमन्दार तो सम्भवतः आक को कहते हैं, राजस्थान के मरुस्थल में बहुत मिलता है। पारिजात भी देखा है। सन्तान पहली बार पता चला है, यह कैसा होता है? कल्पवृक्ष होता होगा पर काल्पनिक ही है अभी के समय। हरिचन्दन भी सर्च करके देखना पड़ेगा। जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
मन्दार तो सम्भवतः आक को कहते हैं, राजस्थान के मरुस्थल में बहुत मिलता है। पारिजात भी देखा है। सन्तान पहली बार पता चला है, यह कैसा होता है? कल्पवृक्ष होता होगा पर काल्पनिक ही है अभी के समय। हरिचन्दन भी सर्च करके देखना पड़ेगा।
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