संस्कृतभाषायां ब्लागजगति अपि लेखनं प्रारभ्येत इति भावनया अद्य ब्याकरण कक्ष्याया: प्रथम सोपानं प्रकाश्यते । अनेन जनानां ब्याकरणज्ञानं तेन वाक्शुद्धि च भविष्यति ।
सर्वप्रथम वयं कारक, विभक्ति विषये पठाम: ।।
षट कारकाणि भवन्ति , एतेषां नामानि प्रयोगचिन्हं च अत्र दीयते
विभक्ति: कारकम् हिन्दी प्रयोगचिन्ह
प्रथमा कर्ता - ने
द्वितीया - कर्म - को
तृतीया - करण - से, के द्वारा
चतुर्थी - सम्प्रदान - के लिये
पंचमी - अपादान - से
*षष्ठी - सम्बन्ध - का, की, के
सप्तमी - अधिकरण - मे, पर
* षष्ठी विभक्ति तु अस्ति किन्तु सम्बन्धं कारकं नास्ति ।। अतएव षट् एव कारकाणि भवन्ति ।
उपरि एतेषां क्रमश: कार्यं दत्तम् अस्ति । उदाहरणं - 'राम ने' रावण को मारा - अत्र राम ने इति दर्शयति यत् राम कर्ता अस्ति । कर्ता- कृते प्रथमा विभक्ति: योज्यते अत: राम शब्दे प्रथमा विभक्ति: योजयाम: । राम इत्यस्य प्रथमा विभक्ति एकवचन - राम: इति भवति । तर्हि राम: रावणं हतवान् इति वाक्यनिर्माणं जातम् ।।
अग्रिम व्याकरण कक्ष्यायाम् इत: अग्रे पठाम: ।।
पाण्डेय जी बहुत अच्छा किया लेकिन प्रारम्भ हिन्दी से करें.. हिन्दी से संस्कृत की ओर...
जवाब देंहटाएंप्रथमा ने, द्वितीया को, तृतीया के लिये....
जवाब देंहटाएंअस्य एकः ज्ञानवर्धक लेखः आसीत। कोटी कोटी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंक्षमा कीजिएगा थोड़ी टूटी फूटी संस्कृत मे टिप्पणी की है। उम्मीद है की आप मेरे कथन को समझ समझ गए होंगे। प्रयास जारी है एक दिन सुधर जाएगी।
संस्कृत को थोडा सरल बनायें...
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'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है !!
@ अक्षिता, सरलता से आपका क्या तात्पर्य है? जितना सरल संस्कृत का प्रयोग यहां है, उससे सरलतम और क्या हो सकता है? ये तो ऐसा ही है कि आप अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन बिना जाने ही उनके लोगों से कहना कि आप थोड़ा और सरल लिखें और बोलें। महोदया, संस्कृत को संस्कृत में ही लिखा जाएगा ना या कि खिंचड़ी में लिखा जाएगा, जैसे कि- " संस्कृतं थोड़ासरलं लिखतु" ऐसा लिखें?? वैसे भी आजकल "पेशेंट बहुत इल है, मैं आज ऑफिस से डाइरेक्ट होम जाउंगा" वाली सरल भाषा जोरों पर है.
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