अनिश्चित-वाक्यानि तानि वाक्यानि भवन्ति यत्र एतत् न ज्ञायते यत् वाक्यस्य गति: का अस्ति । यथा - स: गमिष्यति । अत्र निश्चितं नास्ति यत् स: कदा गमिष्यति अद्य गमिष्यति अथवा स्व: गमिष्यति , प्रात: गमिष्यति उत मध्याने अथवा सायंकाले गमिष्यति । अद्य एतेषाम् एव वाक्यानाम् अत्र वयं चतुर्षु सोपानेषु अध्ययनं कुर्म: । एतानि सोपानानि सन्ति साधारणवाक्यानि, नकारात्मकवाक्यानि, प्रश्नवाचकवाक्यानि अथ च नकारात्मकप्रश्नवाचकवाक्यानि ।
पुलिंग-एकवचनम् | ||||
साधारणवाक्यम् | नकारात्मकवाक्यम् | प्रश्नवाचकवाक्यम् | नकारात्मकप्रश्नवाचकवाक्यानि | |
स: गमिष्यति | स: न गमिष्यति | किं स: गमिष्यति? | किं स: न गमिष्यति? | |
वह जायेगा | वह नहीं जायेगा | क्या वह जायेगा ? | क्या वह नहीं जायेगा ? | |
भवान् गमिष्यति | भवान् न गमिष्यति | किं भवान गमिष्यति ? | किं भवान् न गमिष्यति ? | |
आप जायेंगे | आप नहीं जायेंगे | क्या आप जायेंगे ? | क्या आप नहीं जायेंगे ? | |
अहं गमिष्यामि | अहं न गमिष्यामि | किम् अहं गमिष्यामि ? | किम् अहं न गमिष्यामि ? | |
मैं जाउँगा | मैं नहीं जाउँगा | क्या मैं जाउँगा ? | क्या मैं नहीं जाउँगा ? | |
पुलिंग-बहुवचनम् | ||||
साधारणवाक्यम् | नकारात्मकवाक्यम् | प्रश्नवाचकवाक्यम् | नकारात्मकप्रश्नवाचकवाक्यानि | |
ते गमिष्यन्ति | ते न गमिष्यन्ति | किं ते गमिष्यन्ति ? | किं ते न गमिष्यन्ति ? | |
वे जायेंगे | वे नहीं जायेंगे | क्या वे जायेंगे ? | क्या वे नहीं जायेंगे ? | |
भवन्त: गमिष्यन्ति | भवन्त: न गमिष्यन्ति | किं भवन्त: गमिष्यन्ति ? | किं भवन्त: न गमिष्यन्ति ? | |
आपलोग जायेंगे | आपलोग नहीं जायेंगे | क्या आपलोग जायेंगे ? | क्या आपलोग नहीं जायेंगे ? | |
वयं गमिष्याम: | वयं न गमिष्याम: | किं वयं गमिष्याम: ? | किं वयं न गमिष्याम: ? | |
हम जायेंगे | हम नहीं जायेंगे | क्या हम जायेंगे ? | क्या हम नहीं जायेंगे ? | |
स्त्रीलिंग-एकवचनम् | ||||
साधारणवाक्यम् | नकारात्मकवाक्यम् | प्रश्नवाचकवाक्यम् | नकारात्मकप्रश्नवाचकवाक्यानि | |
सा गमिष्यति | सा न गमिष्यति | किं सा गमिष्यति ? | किं सा न गमिष्यति ? | |
वह जायेगी | वह नहीं जायेगी | क्या वह जायेगी ? | क्या वह नहीं जायेगी ? | |
भवती गमिष्यति | भवती न गमिष्यति | किं भवती गमिष्यति ? | किं भवती न गमिष्यति ? | |
आप जायेगी | आप नहीं जायेगी | क्या आप जायेगी ? | क्या आप नहीं जायेगी ? | |
अहं गमिष्यामि | अहं न गमिष्यामि | किम् अहं गमिष्यामि ? | किम् अहं न गमिष्यामि ? | |
मैं जाउँगी | मैं नहीं जाउँगी | क्या मैं जाउँगी ? | क्या मैं नहीं जाउँगी ? | |
स्त्रीलिंग-बहुवचनम् | ||||
साधारणवाक्यम् | नकारात्मकवाक्यम् | प्रश्नवाचकवाक्यम् | नकारात्मकप्रश्नवाचकवाक्यानि | |
ता: गमिष्यन्ति | ता: न गमिष्यन्ति | किं ता: गमिष्यन्ति ? | किं ता: न गमिष्यन्ति ? | |
वे जायेगी | वे नहीं जायेगी | क्या वे जायेगी ? | क्या वे नहीं जायेगी ? | |
भवत्य: गमिष्यन्ति | भवत्य: न गमिष्यन्ति | किं भवत्य: गमिष्यन्ति ? | किं भवत्य: न गमिष्यन्ति ? | |
आपलोग जायेगी | आपलोग नहीं जायेगी | क्या आपलोग जायेगी ? | क्या आपलोग नहीं जायेगी ? | |
वयं गमिष्याम: | वयं न गमिष्याम: | किं वयं गमिष्याम: ? | किं वयं न गमिष्याम: ? | |
हम जायेगी | हम नहीं जायेगी | क्या हम जायेगी ? | क्या हम नहीं जायेगी ? | |
उपरोक्तविधिद्वारा वयं सरलतया संस्कृतस्य अनिश्चितकालस्य वाक्यानां निर्माणं कर्तुं शक्नुम: । एवम् एव राम: गमिष्यति, सीता गमिष्यति, रामा: गमिष्यन्ति, सीता: गमिष्यन्ति आदि वाक्यानि अपि रचयितुं शक्नुम: ।
अस्तु सम्प्रति एतावतानाम् अभ्यासं कुर्म: । अग्रिम: पाठ: सतत् वाक्यानां विषये पठिष्याम: ।
तावत् अलम् ।
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभागभवेत् ।।
संस्कृतजगत्
3 टिप्पणियाँ
आज कुछ बातें हिन्दी में
जवाब देंहटाएंगामिष्यति गामिष्यति गमिष्यामी
मैं-मेरा-मुझे
वो - उस का - उसे
पाना पाया पाया हुआ
मकान से - मकान का - मकान के - मकान ने - मकान में - मकान द्वारा - मकान के लिए - वगैरह
इस तरह के एक साथ कई सारे उदाहरण कहाँ मिलेगे? जाल जगत पर| ये एक रेडी रेकनर जैसा होगा|
संस्कृत सीखने के लिए हिन्दी का उपयोग मुझे बहुत ही जरूरी लग रहा है|
मेरे सुझाव मान्य न होने की स्थिति में भी इस महतकर्म को जारी रखिएगा| 'कुछ नहीं है' से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है 'कुछ तो है' :)))))))))))))))))))))
समाधान - मैं - अहं, मेरा - मम, मुझे - मह्यम
जवाब देंहटाएंवो - स:, उसका - तस्य, उसे - तस्मै
पाना - प्राप्ति:
, पाया - प्राप्तवान/प्राप्तवती, पाया हुआ - प्राप्तम्
मकान से - प्रकोष्ठात्/गृहात्, मकान का-प्रकोष्ठस्य/गृहस्य, मकान ने - प्रकोष्ठेन/गृहेन, मकान मे-प्रकोष्ठे/गृहे, मकान द्वारा - प्रकोष्ठेन/गृहेन, मकान के लिये - प्रकोष्ठाय/गृहाय
नवीन जी इन उपरोक्त शब्दों के संस्कृतअनुवाद संस्कृतजगत् पर ही पिछले अध्यायों में मिल जाएँगे ।
प्रशिक्षणकक्ष्या की इस श्रृंखला में आगे भी ये दिये जाएँगे ।
ऐसे ही अन्य सुझाव भी देते रहिये, इससे पाठ्यक्रम अधिक सशक्त होगा ।
धन्यवाद
वाक्य सुधार
जवाब देंहटाएं1-संस्कृतेन सह एव भवान् हिन्दीभाषायां अनुवादम् अपि प्रकाशयतु ।
2-एते श्लोका: अस्माकं सांस्कृतिक न्यासा: (धरोहर) सन्ति ।