षड्गुणाः । प्रस्तुतकर्ता SANSKRITJAGAT को फ़रवरी 19, 2014 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः । ज्ञानवैराग्ययोश्च षण्णां भग इतीरणा ।। ऐश्वर्य धर्म यश श्री ज्ञान वैराग्य इति टिप्पणियाँ
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