काल: - 17तमा शताब्दी पूर्वार्द्ध:
गुरु: - भट्टोजिदीक्षित:
पिता - दुर्गातनय:
ग्रन्था: -
इति
गुरु: - भट्टोजिदीक्षित:
''नत्वा वरदराज: श्रीगुरून् भट्टोजिदीक्षितान् ।
करोति पाणिनीयानां मध्यसिद्धान्तकौमुदीम् ।।''
पिता - दुर्गातनय:
''कृता वरदभदृश्रीदुर्गातनयसूनुना । वेदवेदप्रवेशाय सारसिद्धान्तकौमुदीम् ।''
ग्रन्था: -
- लघुसिद्धान्तकौमुदी (लौकिकव्याकरणनियमा:)
- मध्यसिद्धान्तकौमुदी (वैदिकव्याकरणनियमा:)
- सारसिद्धान्तकौमुदी
- गीर्वाणपदमंजरी (पदमंजरी)
इति
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