महिमभट्टकृत व्यक्तिविवेकस्य मंगलाचरणम् । प्रस्तुतकर्ता SANSKRITJAGAT को अप्रैल 23, 2014 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप अनुमाने न्तर्भावं सर्वस्यैव ध्वने: प्रकाशयितुम् । व्यक्तिविवेकं कुरुते महिमा परां वाचम् ।। इति टिप्पणियाँ
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