धारेरुत्तमर्ण: -
'धारि' (ऋण लेना) धातो: योगे 'उत्तमर्ण:' (ऋण देने वाला) सम्प्रदानकारक: भवति चेत् चतुर्थी विभक्ति: उपयुज्यते ।
उदाहरणम् -
हरि: भक्ताय मोक्षं धारयति ।
राम: मोहनाय शतं धारयति ।
हिन्दी -
'धारि' (ऋण लेना) धातु के योग में उत्तमर्ण अर्थात् कर्ज देने वाला सम्प्रदान संज्ञक होता है तदनुसार उसमें चतुर्थी विभक्ति प्रयुक्त होती है ।
इति
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें