गत्‍यर्थकर्मणि ..... - चतुर्थी विभक्ति: ।।



सूत्रम् - 
गत्‍यर्थकर्मणि द्वितीयाचतुर्थ्‍यौ चेष्‍टायामनध्‍वनि: ।।

यदि क्रियायां शारीरिकश्रम: लगेत् तर्हि 'गति'सूचक धातूनां कर्मणि द्वितीया, चतुर्थी वा विभक्ति: भवेत् ।

हिन्‍दी - 
 यदि क्रिया करने में शारीरिक व्‍यापार करना पड़े तो गति (जाना) अर्थ वाली धातुओं के कर्म में द्वितीया और चतुर्थी विभक्ति होती हैं ।

उदाहरणम् - 
ग्रामम् ग्रामाय वा गच्‍छति । 
गाँव को जाता है ।


इति

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