मुखपृष्ठअपादानकारकम् अपपरी वर्जने - पंचमी विभक्ति: (अपादान कारकम्) ।। SANSKRITJAGAT मार्च 02, 2016 0 टिप्पणियां Facebook Twitter सूत्रम् -अपपरी वर्जने ।। वर्जन (छोडना, अतिरिक्त) अर्थेषु अप, परि च उपसर्गयो: कर्मप्रवचनीयसंज्ञा भवति । हिन्दी - वर्जन (छोडना, अतिरक्ति) अर्थ में अप तथा परि उपसर्गों की कर्मप्रवचनीय संज्ञा होती है । इति Tags अपादानकारकम् पंचमी विभक्ति: विभक्ति प्रकरणम् Facebook Twitter
टिप्पणी पोस्ट करें