सूत्रम् - करणेचस्तोकाल्पकृच्छ्र-कतिपयस्यासत्ववचनस्य।। 2/3/33 ।।
स्तोकम् (थोडा), अल्पम् (कम), कृच्छ्र (कठिनाई), कतिपय(कुछ) चैतेषु चतुर्षुशब्देषु तृतीया पंचमी च उभौ विभक्ती भवत: यदि एते द्रव्यवाचका: न स्यु: करणरूपेण च प्रयुक्ता: स्यु: चेत् ।।
हिन्दी - स्तोक (थोडा), अल्प (कम), कृच्छ्र (कठिनाई), और कतिपय (कुछ) ये चारों शब्द यदि द्रव्यवाचक न हों तथा साधन के रूप में प्रयुक्त हों तब इनके योग में तृतीया तथा पंचमी विभक्ति होती है ।
उदाहरणम् -
स्तोकेन स्तोकाद् वा मुक्त: ।
थोडे से प्रयास से ही छूट गया ।।
इति
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