सूत्रम् - प्रति:प्रतिनिधिप्रतिदानयो:।।(1-4-12)
प्रतिनिधि, प्रतिदान (बदलना) च अर्थे प्रति इत्यस्य कर्मप्रवचनीय संज्ञा स्यात् ।।
हिन्दी - प्रतिनिधि और प्रतिदान (अर्थ) में प्रति की कर्मप्रवचनीय संज्ञा होती है ।
सूत्रम् - प्रतिनिधिप्रतिदाने च यस्मात् ।।(2-3-11)
यस्य प्रतिनिधि: भवति उत यस्मात् वस्तुप्रतिदानं क्रियते, तत्र उभयत्रापि विद्यमान-''प्रति'' शब्दस्य योगे पंचमी विभक्ति: भवति ।
उदाहरणम् -
(प्रतिनिध अर्थ में प्रति से पंचमी)
प्रद्युम्न: कृष्णात् प्रति ।
प्रद्युम्न कृष्ण के प्रतिनिधि हैं ।।
(बदलने के अर्थ में प्रति से पंचमी)
तिलेभ्य: प्रतियच्छति माषान् ।
तिलों से उडद बदलता है ।।
इति
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