भविष्यत् इति अर्थे प्रयुक्त: अक् - प्रत्यय:, भविष्यत्, आधमर्ण्य च (कर्जदार होना) अर्थे प्रयुज्यमानै: प्रत्ययै: सह षष्ठी विभक्ति: न भवति । कर्मणि द्वितीया भवति ।
उदाहरणम् -
सत: पालको वतरति - सज्जनों का पालन करने वाला अवतार लेता है ।
व्रजं गामी - व्रज को जानेवाला ।
शतं दायी - सौ रूपये का देनदार ।
हिन्दी -
भविष्यत् अर्थ में होनेवाले अक प्रत्यय तथा भविष्यत् और आधमर्ण्य अर्थ में होनेवाले इन प्रत्ययों के षष्ठी विभक्ति नहीं होती । कर्म में द्वितीया होती है ।
इति
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