यदि फलवाचक निमित्तशब्दस्य कर्मणा सह संयोग उत समवायसम्बन्ध: भवति चेत् निमित्त (फलवाचक) शब्देन सह सप्तमी विभक्ति: भवति ।
उदाहरणम् -
चर्मणि द्वीपिनं हन्ति, दन्तयोर्हन्ति कुंजरम् ।
केशेषु चमरीं हन्ति, सीम्नि पुष्कलको हत: ।। (महाभाष्यम्)
चर्मणि द्वीपिनं हन्ति - चमडे के लिये बाघ को मारता है ।
दन्तयोर्हन्ति कुंजरम् - दांतों के लिये हांथी को मारता है ।
केशेषु चमरीं हन्ति - बालों के लिये चमरी हिरण को मारता है ।
सीम्नि पुष्कलको हत: - अण्डकोश में विद्यमान कस्तूरी के लिये कस्तूरी मृग को मारता है ।
हिन्दी -
यदि फलवाचक निमित्त शब्द का कर्म के साथ संयोग या समवाय सम्बन्ध हो तो निमित्त वाचक (फलवाचक) शब्द के साथ सप्तमी विभक्ति होती है ।
इति
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi_0oQr9vB5gIfMGP9B52tvn37ObAgiTIlv3tp3pHMk4B9jgGeAzTIs1v_EqvtiXn1De__SxAd9gb0g3_27mUz0yBcIo3h-8M5s0o09NK9qtI0vm_FCxgaaTmiTWUJZbRXrOqsY9-XI1Mo/s1600/sanskritjagat.png)
0 टिप्पणियाँ