साधुनिपुणाभ्‍यां ...... सप्‍तमी विभक्ति: ।।


सूत्रम् - साधुनिपुणाभ्‍यामर्चायां सप्‍तम्‍यप्रते:।। 2/3/43 ।।
( अधिकरण कारकम् )

साधु, निपुण च शब्‍दौ यदा पूजा (आदर) अर्थे भवत: तदा तेभ्‍यां सह सप्‍तमी विभक्ति: भवति ।

उदाहरणम् - 
मातरि साधुर्निपुणो वा - माता के प्रति सज्‍जन या माता की सेवा में निपुण ।। 

हिन्‍दी - 
साधु तथा निपुण शब्‍दों का प्रयोग जब पूजा (आदर) अर्थ में हो तो इन दोनों के साथ सप्‍तमी विभक्ति होती है ।


इति

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