(अधिकरण कारकम्)
यदा कश्चित् कालवाचिका, मार्गस्य दूरीवाचिका च संज्ञा द्वाभ्यां कारकशक्तिभ्यां मध्ये भवति चेत् कालवाचक-मार्गवाचकशब्दयो: सप्तमी, पंचमी च विभक्ती भवत: ।
उदाहरणम् -
अद्य भुक्त्वा अयं द्वयहे द्वयहाद् वा भोक्ता - यह आज खाकर दो दिन बाद खाएगा ।
अत्र अद्यतनीय: भोक्ता, दिनद्वयस्यानन्तरं च भोक्ता सैव एक: अस्ति पुनश्च द्वाभ्यां शक्तीभ्यां च मध्ये दिनद्वयस्य कालमस्ति अत: सप्तमी पंचमी च विभक्ती भवत: ।
हिन्दी -
जब कोई कालवाचक व मार्ग की दूरीवाचक संज्ञा दो कारक-शक्तियों के बीच में होती है तब काल व मार्गवाचक शब्दों में पंचमी तथा सप्तमी दोनों ही विभक्तियाँ होती हैं ।
उक्त उदाहरण में आज खानेवाला तथा दो दिन बाद खानेवाला कर्ता एक ही है तथा उसकी दो शक्तियों के बीच में दो दिन के काल का वर्णन है
इति

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