(अधिकरण कारकम्)
कृ धातु: अनन्तरं सन्तं स्व-स्वामि-भाव सम्बन्धार्थे 'अधि' इत्यस्य विकल्पेन कर्मप्रवचनीया संज्ञा भवति । कर्मप्रवचनीय: सन् द्वितीया विभक्ति: प्रयुज्ज्यते ।
उदाहरणम् -
यदत्र मामधिकरिष्यति - क्योंकि मुझे यहाँ नियुक्त करेगा ।
हिन्दी -
कृ धातु बाद में होने पर स्व-स्वामि-भाव सम्बन्ध अर्थ में 'अधि' की विकल्प से कर्मप्रवचनीय संज्ञा होगी तदनुसार द्वितीया विभक्ति का विधान होगा ।
इति
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