वृत् धातोः रूपाणि तु आत्मनेपदौ चलन्ति किन्तु अस्य लृट्‚ लुड्。‚ लृड्。 च लकारेषु परस्मैपदी अपि रूपाणि चलन्ति । अतः अत्र अस्य मिश्रितरूपं दीयते ।
लट् लकार:एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तते | वर्तेते | वर्तन्ते |
मध्यमपुरुष: | वर्तसे | वर्तेथे | वर्तध्वे |
उत्तमपुरुष: | वर्ते | वर्तावहे | वर्तामहे |
लृट्
लकार: (आत्मनेपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तिष्यते | वर्तिष्येते | वर्तिष्यन्ते |
मध्यमपुरुष: | वर्तिष्यसे | वर्तिष्येथे | वर्तिष्यध्वे |
उत्तमपुरुष: | वर्तिष्ये | वर्तिष्यावहे | वर्तिष्यामहे |
लृट् लकार: (परस्मैपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्त्स्यति | वर्त्स्यतः | वर्त्स्यन्ति |
मध्यमपुरुष: | वर्त्स्यसि | वर्त्स्यथः | वर्त्स्यथ |
उत्तमपुरुष: | वर्त्स्यामि | वर्त्स्यावः | वर्त्स्यामः |
लड्.
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अवर्तत | अवर्तेताम् | अवर्तन्त |
मध्यमपुरुष: | अवर्तथाः | अवर्तेथाम् | अवर्तध्वम् |
उत्तमपुरुष: | अवर्ते | अवर्तावहि | अवर्तामहि |
लोट्
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तताम् | वर्तेताम् | वर्तन्ताम् |
मध्यमपुरुष: | वर्तस्व | वर्तेथाम् | वर्तध्वम् |
उत्तमपुरुष: | वर्तै | वर्तावहै | वर्तामहै |
विधिलिड्.
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तेत | वर्तेयाताम् | वर्तेरन् |
मध्यमपुरुष: | वर्तेथाः | वर्तेयाथाम् | वर्तेध्वम् |
उत्तमपुरुष: | वर्तेय | वर्तेवहि | वर्तेमहि |
आशीर्लिड्.
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तिषीष्ट | वर्तिषीयास्ताम् | वर्तिषीरन् |
मध्यमपुरुष: | वर्तिषीष्ठाः | वर्तिषीयास्थाम् | वर्तिषीध्वम् |
उत्तमपुरुष: | वर्तिषीय | वर्तिषीवहि | वर्तिषीमहि |
लिट्
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | ववृते | ववृताते | ववृतिरे |
मध्यमपुरुष: | ववृतिषे | ववृताथे | ववृतिध्वे |
उत्तमपुरुष: | ववृते | ववृतिवहे | ववृतिमहे |
लुट्
लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | वर्तिता | वर्तितारौ | वर्तितारः |
मध्यमपुरुष: | वर्तितासे | वर्तितासाथे | वर्तिताध्वे |
उत्तमपुरुष: | वर्तिताहे | वर्तितास्वहे | वर्तितास्महे |
लुड्.
लकार: (आत्मनेपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अवर्तिष्ट | अवर्तिषाताम् | अवर्तिषत |
मध्यमपुरुष: | अवर्तिष्ठाः | अवर्तिषाथाम् | अवर्तिढ्वम् |
उत्तमपुरुष: | अवर्तिषि | अवर्तिष्वहि | अवर्तिष्महि |
लुड्.
लकार: (परस्मैपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अवृतत् | अवृतताम् | अवृतन् |
मध्यमपुरुष: | अवृतः | अवृततम् | अवृतत |
उत्तमपुरुष: | अवृतम् | अवृताव | अवृताम |
लृड्. लकार: (आत्मनेपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अवर्तिष्यत | अवर्तिष्येताम् | अवर्तिष्यन्त |
मध्यमपुरुष: | अवर्तिष्यथाः | अवर्तिष्येथाम् | अवर्तिष्यध्वम् |
उत्तमपुरुष: | अवर्तिष्ये | अवर्तिष्यावहि | अवर्तिष्यामहि |
लृड्. लकार: (परस्मैपदी)
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अवर्त्स्यत् | अवर्त्स्यताम् | अवर्त्स्यन् |
मध्यमपुरुष: | अवर्त्स्यः | अवर्त्स्यतम् | अवर्त्स्यत |
उत्तमपुरुष: | अवर्त्स्यम् | अवर्त्स्याव | अवर्त्स्याम |
इति
वृध धातु
जवाब देंहटाएंVrit dhatu ka Hindi arth sahit
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