घण्टाकर्णकुट्टिनीकथा श्रीपर्वत पर एक ब्रह्मपुर नाम का नगर था । उस नगर के लोग बड़े सीधे और भोले थे । किसी समय एक चो…
दधिकर्णबिडालकथा उत्तरापथ में अर्बुदशिखर नाम के पर्वत पर दुर्दान्त नाम का बड़ा भारी पराक्रमी सिंह रहता था । जब वह प…
चीत्कारिगर्दभकथा वाराणसीपुरी में कर्पूरपटन नामक एक धोबी रहता था । एक रात वह अपनी नवविवाहिता पत्नी के साथ प्रेमालाप करके…
कीलोत्पाटिवानर कथा मगध देश में धर्मारण्य के पास की किसी भूमि पर शुभदत्त नाम का एक कायस्थ एक बौद्ध विहार बनवा रहा …
यो ध्रुवाणि परित्यज्य‚ अध्रुवाणि निषेवते । ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति‚ अध्रुवं नष्टमेव हि ।। जो निश्चित वस्तु को छोड़कर अनि…
हिरण्यक नामक चूहे को अपने कबूतर मित्र चित्रग्रीव के जाल में फँसे हुए साथियों को मुक्त कराते देख लघुपतनक नामक कौआ आ…
ब्रह्मारण्य में कर्पूरतिलक नाम का हाथी रहता था । उसको देखकर वन के सब सियार सोचने लगे कि यदि यह हाथी किसी उपाय से म…
सामाजिकम्