शूद्रक-वीरवरकथा । किसी समय शूद्रक नामक एक महान् राजा शासन करता था । वह बड़ा ही न्यायप्रिय व प्रजापालक था । एक समय वीरव…
नीलवर्णशृगालकथा । एक जंगल में एक सियार रहता था । एक बार वह स्वेच्छा से नगर भ्रमण करते हुए किसी रजक के नील से भरे कुंड म…
रथकार-तद्वधूजारकथा । यौवनश्री नगर (झाँसी) में मन्दमति नामक एक रथकार रहता था । वह अपनी पत्नी के किसी अन्य व्यक्ति से प्र…
काकवर्तककथा । एक वृक्ष पर एक कौवा और एक बटेर बड़े ही सुख से रहा करते थे । एक समय भगवान् गरुड़ का दर्शन करने के लिये सभी…
हंसकाककथा । उज्जयिनी के जंगल में लम्बे‚ निर्जन‚ बीहड़ मार्ग के निकट एक पिप्पल (पाकड़) का पेड़ था । उस पर हंस और कौव ये …
गजशशककथा एक जंगल में हाथियों का बहुत बड़ा समूह बड़े सुख से रहा करता था । एक समय ऐसा सूखा पड़ा कि वर्षाऋतु में भी वर्…
व्याघ्रचर्मावृतगर्दभकथा । हस्तिनापुर में विलास नाम का एक धोबी रहता था । उसका गधा बहुत बोझ ढोने से दुर्बल होकर मरणासन्न …
सामाजिकम्