संदेश

याच् (माँगना) – परस्मैपदी – उभयपदी

यज् (यज्ञ करना‚ पूजा करना) – आत्मनेपदी – उभयपदी

यज् (यज्ञ करना‚ पूजा करना) – आत्मनेपदी – उभयपदी

मुद् (प्रसन्न होना) – आत्मनेपदी

भ्रम (भ्रमण करना) – परस्मैपदी ।

भृ (पालना–पोसना‚ भरना) – आत्मनेपदी – उभयपदी

भृ (भरना‚ पालना–पोसना) – परस्मैपदी – उभयपदी

भाष् (बोलना) – आत्मनेपदी

भज् (सेवा करना) – आत्मनेपदी – उभयपदी

भज् (सेवा करना) – परस्मैपदी – उभयपदी

पा (पिब्) - (पीना) – परस्मैपदी

पठ् (पढ़ना) – परस्मैपदी

पच् (पकाना) – आत्मनेपदी – उभयपदी

पच् (पकाना) - परस्मैपदी – उभयपदी

नी (ले जाना) - आत्मनेपदी – उभयपदी

नी (ले जाना) – परस्मैपदी – उभयपदी

नम् (नमस्कार करना‚ झुकना) – परस्मैपदी

धृ (धरना) आत्मनेपदी – उभयपदी

धृ (धरना) धातुः – उभयपदी (परस्मैपदी)

दृश् (पश्य्) (देखना) धातुः – परस्मैपदी

त्‍यज् (छोडना) धातु: - परस्‍मैपदी

जि (जीतना) धातु: - परस्‍मैपदी

गम् (जाना) धातु: - परस्‍मैपदी

क्रीड् (खेलना) धातु: - परस्‍मैपदी

काड्.क्ष (इच्‍छा करना) धातु: - परस्‍मैपदी

कम्‍प् (काँपना) धातु: - आत्‍मनेपदी

भू (होना) धातु: - परस्‍मैपदी

भ्‍वादिगण:

लकाराणां संक्षिप्‍त रूपाणि - आत्मनेपदम् ।

लकाराणां संक्षिप्‍त रूपाणि - परस्‍मैपदम् ।